यदि आप कभी एसबीआई बैंक में खाता है तो आपके लिए अच्छी खबर
Author: Archana Dwivedi
आज का दिन लखनऊवासियो के लिए नई सौगात लेकर आया। लखनऊ के निवासियों के लिए अब माता कामाख्या के दर्शन करना आसान होगा।
रेलमंत्री (भारत सरकार) अश्विनी वैष्णव ने आज गुरूवार 9 बजकर 50 मिनट पर गोमती नगर रेलवे
इस अवसर पर भारत के स्थाई प्रतिनिधि टीएस त्रिमूर्ति ने यहां कहा कि भारत मानवता …
प्रधानमंत्री गर्भावस्था सहायता योजना आवेदन | प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना …
राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ (११ जून १८९७-१९ दिसम्बर १९२७) भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की …
माता-पिता: मूलमती/ मुरलीधर
धर्म: हिन्दू (ब्राह्मण)
Vat Savitri Vrat 2021:वटवृक्ष क्या होता है ? इससे संबंधित पूजा की विधि एवं पूजा करने का उद्देश्य फ़िकस बेंघालेंसिस, जिसे आमतौर पर बरगद , बरगद का अंजीर और भारतीय बरगद के रूप में जाना जाता है, भारतीय उपमहाद्वीप का एक पेड़ है।
आइए जानते हैं महान जननायक बिरसा मुंडा के बारे में । कौन थे बिरसा मुंडा? जानिए उनकी शहादत के बारे में । बिरसा मुंडा : जिनके उलगुलान और बलिदान ने उन्हें ‘भगवान’ बना दिया। –
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया अपने जनधन खाता धारकों को बड़ी सुविधा दे रहा है। कोरोना काल में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI State Bank Of India) जनधन खाताधारकों के लिए बड़ी खुशखबरी है। दरअसल अगर एसबीआई में आपका जनधन अकाउंट है या फिर आप जनधन खाता खुलवाने का प्लान बना रहे हैं तो ये खबर आपके फायदे के लिये है। दरअसल स्टेट बैंक ऑफ इंडिया अपने जनधन खाताधारकों को 2 लाख रुपये तक का फायदा दे रहा है। इस बात की जानकारी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने खुद अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडिल से एक बार फिर ट्वीट करके दी है।…
कोरोना का कहर: संक्रमण के मामले में अमेरिका के बाद भारत पहुंचा दूसरे स्थान पर। जाने Corona को लेकर के 5 टॉप देशों की स्थिति क्या है? कोरोना एक्टिव केस के मामले में भारत विश्व में दूसरे स्थान पर आ पहुंचा है। देश में कोरोना से मृत्यु दर 1.16 फ़ीसदी है जबकि रिकवरी रेट 90 फ़ीसदी से ज्यादा है। भारत में एक्टिव केस आठ फ़ीसदी से कम हो गएहैं। और संक्रमितों की संख्या के मामले में भारत विश्व में दूसरे स्थान पर है। जबकि इस में पहले स्थान पर अमेरिका व तीसरे स्थान पर ब्राज़ील है। इस रिपोर्ट के अनुसार…
पिता बिजली विभाग में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी और उन पर 7 लोगों के परिवार की निर्भरता. पिता रिटायर हुए और उनके रिटायरमेंट क्लेम अटक गए. उसके बाद पिताजी के साथ सालों तक सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटे, लेकिन कोई मदद नहीं मिली. तब सिस्टम (System) की बदहाली देख इंजीनियरिंग (engineering) छोड़ सिविल सर्विसेज (Civil Services) में आने का फैसला किया. 4 बार असफल होने के बाद आखिरकार 2013 में 7वीं रैंक हासिल कर पीसीएस (PCS) बन गए. ये कहानी है यूपी (UP) के पीसीएस अधिकारी राहुल गुप्ता की. चलिए जानते हैं कैसा रहा उनका यहां तक पहुंचने का सफर।…